आजकल नाना पाटेकर और तनुश्री दत्ता के बीच का विवाद सुर्खियों में बना हुआ है। कई बॉलिवुड ऐक्टर्स ने तनुश्री दत्ता का सपॉर्ट किया है। हालांकि कुछ ऐक्टर्स नाना पाटेकर का सपॉर्ट कर रहे हैं। इस मुद्दे पर प्रियंका चोपड़ा, सोनम कपूर और ट्विंकल खन्ना जैसी ऐक्ट्रेसेस ने तनुश्री दत्ता का खुलकर सपॉर्ट किया है। दूसरी तरफ कोरियॉग्रफर गणेश आचार्य और फिल्म फिल्म डायरेक्टर राकेश सारंग ने तनुश्री के आरोपों को झूठा बताया था।
तनुश्री विवाद पर बोले नाना, 'दूंगा हर सवाल का जवाब'
जब इस कॉन्ट्रोवर्सी पर इतने लोग अपनी राय रख रहे हैं तो इस पर बॉलिवुड की 'क्वीन' कंगना रनौत के विचार जानने की भी कोशिश की गई। इस मुद्दे पर कंगना ने अपनी राय बेबाकी से रखी। उन्होंने कहा कि वह किसी की साइड नहीं लेंगी लेकिन समाज में पुरुषों को यह बताया जाना चाहिए कि महिलाओं के साथ कैसे व्यवहार किया जाता है।
कंगना ने कहा, 'राजा बेटाओं को यह बताया जाना चाहिए कि 'नो' का मतलब क्या होता है। मैं इस मुद्दे पर कोई भी फैसला नहीं दे सकती।' हालांकि उन्होंने इस मुद्दे पर खुलकर बोलने और अपनी बात सामने रखने के लिए तनुश्री की बहादुरी की तारीफ की। कंगना ने कहा कि भारतीय पुरुष अपनी मांओं के 'राजा बेटा' के तौर पर बड़े होते हैं लेकिन उनमें बेसिक मैनर नहीं होते।
कंगना ने आगे कहा कि उन्हें लगता है कि सोसायटी की भलाई के लिए इन राजा बेटाओं को वे बातें बताई जानी चाहिए जो इनके पैरंट्स इनको नहीं समझा पाते। उन्हें यह बताया जाना चाहिए कि पुरुषों और महिलाओं के आधरभूत मानवाधिकारों समान होते हैं।
तनुश्री विवाद पर बोले नाना, 'दूंगा हर सवाल का जवाब'
जब इस कॉन्ट्रोवर्सी पर इतने लोग अपनी राय रख रहे हैं तो इस पर बॉलिवुड की 'क्वीन' कंगना रनौत के विचार जानने की भी कोशिश की गई। इस मुद्दे पर कंगना ने अपनी राय बेबाकी से रखी। उन्होंने कहा कि वह किसी की साइड नहीं लेंगी लेकिन समाज में पुरुषों को यह बताया जाना चाहिए कि महिलाओं के साथ कैसे व्यवहार किया जाता है।
कंगना ने कहा, 'राजा बेटाओं को यह बताया जाना चाहिए कि 'नो' का मतलब क्या होता है। मैं इस मुद्दे पर कोई भी फैसला नहीं दे सकती।' हालांकि उन्होंने इस मुद्दे पर खुलकर बोलने और अपनी बात सामने रखने के लिए तनुश्री की बहादुरी की तारीफ की। कंगना ने कहा कि भारतीय पुरुष अपनी मांओं के 'राजा बेटा' के तौर पर बड़े होते हैं लेकिन उनमें बेसिक मैनर नहीं होते।
कंगना ने आगे कहा कि उन्हें लगता है कि सोसायटी की भलाई के लिए इन राजा बेटाओं को वे बातें बताई जानी चाहिए जो इनके पैरंट्स इनको नहीं समझा पाते। उन्हें यह बताया जाना चाहिए कि पुरुषों और महिलाओं के आधरभूत मानवाधिकारों समान होते हैं।
Source : navbharattimes[dot]indiatimes[dot]com
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