डेब्यू डायरेक्टर विजय रत्नाकर गुट्टे की फिल्म ' The Accidental Prime Minister' के बारे में कहा जा सकता है कि फिल्म दर्शकों को खींच पाने में विफल रही। अनुपम खेर और अक्षय खन्ना स्टारर यह फिल्म भारतीय पॉलिटिक्स की उस दौर की कहानी है, जब कांग्रेस की जीत के बाद मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री बनाया गया था। जहां यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर स्ट्रगल करती दिख रही रही है, वहीं नई रिलीज़ फिल्म 'उरी: द सर्जिकल स्ट्राइक' और रणवीर सिंह की 'सिंबा' की टिकट खिड़की पर अब भी भीड़ देखी जा रही है। ' द ऐक्सिडेंट प्राइम मिनिस्टर' ने पहले 4 दिनों में केवल 14 करोड़ की कमाई की है।
फिल्म में अनुपम खेर मनमोहन सिंह की भूमिका में नजर आ रहे हैं, जबकि अक्षय खन्ना उनके बेहद करीबी रहे मीडिया सलाहकार संजय बारू के रोल में दिखे हैं। फिल्म में जहां एक तरफ पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को 'सिंह इस किंग' कहा गया है, तो दूसरी तरफ कमजोर और महाभारत का भीष्म पितामह बना दिया है, जिन्होंने राजनीतिक परिवार की भलाई की खातिर देश के सवालों का जवाब देने के बजाय चुप्पी साधे रखी।
boxofficeindia.com की रिपोर्ट के मुताबिक,फिल्म ने ओपनिंड डे पर केवल 3.50 करोड़ की कमाई की, वहीं शनिवार को इस फिल्म ने 4 करोड़ की कमाई की। हॉलिड पर रविवार को फिल्म की कमाई 4.50 करोड़ रही, जबकि सोमवार को यह फिल्म केवल 2 करोड़ रुपए की कमाई कर सकी। इस तरह 4 दिनों में मनमोहन सिंह पर बनी इस फिल्म ने केवल 14 करोड़ की ही कमाई की।
फिल्म में कुछ ऐसी बातें भी हैं, जो पूर्व पीएम की इमेज को क्लीन करने के साथ-साथ धूमिल भी करती है। ऐक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर को किताब बद्ध करने वाले पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के मीडिया सलाहकार और करीबी रहे संजय बारू का कहना है कि उस किताब के प्रकाशित होने के बाद पीएम उनसे कभी नहीं मिले। क्या यही बात पीएम को नागवार गुजरी? बहरहाल यह सच तो पूर्व पीएम और संजय बारू के बीच का है, मगर संजय बारू की किताब के बहाने 2004 से 2014 के बीच पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पीएमओ से जुड़ी जिस दुनिया को दिखाया गया है, उसपर फिल्म बनाने की मंशा को लेकर लोग कई सवाल खड़े कर रहे हैं। खास तौर पर तब जब कि चुनाव बेहद करीब हैं। इसके इतर इसे सिनेमाई अंदाज में देखा जाए तो अनुपम खेर, अक्षय खन्ना के साथ सहयोगी कास्ट की परफॉर्मेंस इतनी जबरदस्त है कि आप उस दौर को जीने लगते हैं।
फिल्म में अनुपम खेर मनमोहन सिंह की भूमिका में नजर आ रहे हैं, जबकि अक्षय खन्ना उनके बेहद करीबी रहे मीडिया सलाहकार संजय बारू के रोल में दिखे हैं। फिल्म में जहां एक तरफ पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को 'सिंह इस किंग' कहा गया है, तो दूसरी तरफ कमजोर और महाभारत का भीष्म पितामह बना दिया है, जिन्होंने राजनीतिक परिवार की भलाई की खातिर देश के सवालों का जवाब देने के बजाय चुप्पी साधे रखी।
boxofficeindia.com की रिपोर्ट के मुताबिक,फिल्म ने ओपनिंड डे पर केवल 3.50 करोड़ की कमाई की, वहीं शनिवार को इस फिल्म ने 4 करोड़ की कमाई की। हॉलिड पर रविवार को फिल्म की कमाई 4.50 करोड़ रही, जबकि सोमवार को यह फिल्म केवल 2 करोड़ रुपए की कमाई कर सकी। इस तरह 4 दिनों में मनमोहन सिंह पर बनी इस फिल्म ने केवल 14 करोड़ की ही कमाई की।
फिल्म में कुछ ऐसी बातें भी हैं, जो पूर्व पीएम की इमेज को क्लीन करने के साथ-साथ धूमिल भी करती है। ऐक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर को किताब बद्ध करने वाले पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के मीडिया सलाहकार और करीबी रहे संजय बारू का कहना है कि उस किताब के प्रकाशित होने के बाद पीएम उनसे कभी नहीं मिले। क्या यही बात पीएम को नागवार गुजरी? बहरहाल यह सच तो पूर्व पीएम और संजय बारू के बीच का है, मगर संजय बारू की किताब के बहाने 2004 से 2014 के बीच पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पीएमओ से जुड़ी जिस दुनिया को दिखाया गया है, उसपर फिल्म बनाने की मंशा को लेकर लोग कई सवाल खड़े कर रहे हैं। खास तौर पर तब जब कि चुनाव बेहद करीब हैं। इसके इतर इसे सिनेमाई अंदाज में देखा जाए तो अनुपम खेर, अक्षय खन्ना के साथ सहयोगी कास्ट की परफॉर्मेंस इतनी जबरदस्त है कि आप उस दौर को जीने लगते हैं।
Source : navbharattimes[dot]indiatimes[dot]com
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