Monday, June 25, 2018

लियोनेल मेसी फैंस की चाहत: अर्जेंटीना की जीत, आइसलैंड की हार

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नई दिल्ली
आइसलैंड के साथ ड्रॉ और क्रोएशिया के हाथों शर्मनाक हार के बाद अब अगर अर्जेंटीना और उसके स्टार खिलाड़ी लियोनेल मेसी को वर्ल्ड कप 2018 में अपनी उम्मीदें बरकरार रखनी हैं तो मंगलवार को अर्जेंटीना को नाइजीरिया के खिलाफ हर हाल में जीत दर्ज करनी होगी। अर्जेंटीना और मेसी ने विश्व भर में फैले अपने करोड़ों दर्शकों को अभी तक निराश किया है और यह उनके पास अपनी प्रतिष्ठा के अनुरूप खेलने का आखिरी मौका है। यही नहीं उसे ग्रुप-डी के एक अन्य मैच में आइसलैंड की क्रोएशिया के हाथों हार की भी दुआ करनी होगी। वैसे अगर आइसलैंड उलटफेर भी कर देता है तब भी अर्जेंटीना गोल अंतर से आगे बढ़ सकता है और इसके लिए उसे बड़े अंतर से जीत दर्ज करनी होगी।


क्या सोच रहा क्रोएशियाई थिंक टैंक
इस ग्रुप से क्रोएशियाई टीम अगले राउंड में पहले ही जगह बना चुकी है और वह आइसलैंड के खिलाफ अपना अंतिम लीग मैच खेलने उतरेगी। वर्ल्ड कप में डेब्यू कर रही आइसलैंड की टीम ने अगर अर्जेंटीना को ड्रॉ पर रोका था तो इसमें बड़ी भूमिका उनके अच्छे की बजाए अर्जेंटीना के खराब खेल की रही थी। नाइजीरिया के खिलाफ उनका खेल सामान्य रहा था। ऐसे में क्रोएशिया को वे उलटफेर का शिकार बनाएंगे, ऐसा मुमकिन नजर नहीं आता, लेकिन मैच का नतीजा बहुत हद तक क्रोएशिया के थिंक टैंक की आगे की रणनीति पर भी निर्भर कर सकता है। वे जानते हैं कि हार से उनपर कोई असर नहीं पड़ने वाला, लेकिन यह जरूर हो सकता है कि खिताब का एक दावेदार कम हो जाए।

इस स्थिति के खुद जिम्मेदार
पिछली बार का उपविजेता अर्जेंटीना अगर इस स्थिति तक पहुंचा तो उसके लिए वह खुद जिम्मेदार है। कोच साम्पाओली के फैसले हैरान करने वाले रहे। उसके डिफेंस ने लचर प्रदर्शन किया है तो मिडफील्डर्स ने भी निराश करने में कसर नहीं छोड़ी है। यहां तक कि मेसी भी निराश करने में पीछे नहीं रहे हैं। वह आइसलैंड के खिलाफ पेनल्टी चूक गए थे जिसका दर्द अब भी अर्जेंटीना को अंदर तक महसूस हो रहा है। अर्जेंटीना के नाम पर अभी दो मैचों में एक अंक हैं और ड्रॉ या हार पर वह 2002 के बाद पहली बार शुरुआती दौर से बाहर हो जाएगा।

मेसी को दिखाना होगा जादू
अब फिर से अर्जेंटीना की उम्मीदें मेसी पर टिकी हैं जिनकी हैटट्रिक की दम पर वह वर्ल्ड कप के लिए क्वॉलिफाई कर पाया था। मेसी कोई कमाल करें इसके लिए जरूरी है कि टीम एकजुट होकर खेले क्योंकि खिलाड़ियों और कोच के बीच मतभेदों की चर्चा चल रही है। संडे को अपना 31वां जन्मदिन मनाने वाले मेसी के पास अर्जेंटीना की तरफ से कोई बड़ा खिताब जीतने का यह आखिरी मौका है। वह अभी तक रूस में गोल नहीं कर पाए हैं।

लियो के बगैर बेजान है टीम
अर्जेंटीनी टीम के लिए मेसी कितने महत्वपूर्ण हैं इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि इक्वाडर के खिलाफ उनकी हैट्रिक के बाद नाईजीरिया के खिलाफ मैत्री मैच में जब वह नहीं खेले तो सर्गियो एगुएरा, गोंजालो हिगुएन और पाउलो डायबाला जैसे खिलाड़ी कुछ नहीं कर पाए और उनकी टीम 2-4 से हार गई। नाइजीरिया की टीम इस जीत से प्रेरणा लेकर मैदान पर उतरेगी। नाइजीरिया ने अब तक तीनों विभागों में अनुशासित प्रदर्शन किया है। विक्टर मोसेज और अहमद मूसा ने प्रतिद्वंद्वी टीम के डिफेंस में सेंध लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। ऐसे में अगर अर्जेंटीना के रक्षक पिछले दो मैचों जैसा ही प्रदर्शन करते हैं तो नाइजीरिया के लिए काम आसान हो जाएगा। नाइजीरिया ने पिछले मैच में आइसलैंड को 2-0 से हराया था और अर्जेंटीना पर जीत या ड्रॉ से उसकी नॉकआउट में जगह लगभग पक्की हो जाएगी।

एक ही समय में दो मैच क्यों?
फीफा ने 1982 फीफा वर्ल्ड कप में हुए एक प्रकरण के बाद से एक समय में ही दो मैच कराने का फैसला किया था। 1982 वर्ल्ड कप में 25 जून को वेस्ट जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया के बीच लीग राउंड का अंतिम मैच खेला जाना था। जर्मनी जीत के साथ अगले राउंड में पहुंच जाता वहीं दो से कम गोल से हारने पर ऑस्ट्रेलिया भी अगले राउंड में जगह बना लेता। इसका नुकसान अलजीरिया को उठाना पड़ता। मैच में जर्मनी ने 10वें मिनट में ही गोल कर दिया, लेकिन इसके बाद वह और ऑस्ट्रेलियाई टीम मैदान पर समय बर्बाद किया, जिसकी आलोचना हुई।

Source : navbharattimes[dot]indiatimes[dot]com

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