वोल्गोग्राड (रूस)
पिछले विश्व कप में ग्रुप चरण और यूरो 2016 में दूसरे राउंड में बाहर होने वाली वाली इंग्लैंड की टीम इस बार फीफा विश्व कप के ग्रुप-जी के एक मुकाबले में सोमवार को ट्यूनीशिया के खिलाफ होने वाले मैच में जीत के साथ टूर्नमेंट में अपने अभियान की शुरुआत करना चाहेगी। ( देखें कौन सी टीम है कहां- पॉइंट्स टेबल)
टूर्नमेंट में इंग्लैंड की टीम तीसरी सबसे युवा टीम है। टीम के प्रमुख कोच गैरेथ साउथगेट ने उम्मीदों को कम करने के लिए अपना पूरा प्रयास किया है। ब्राजील में पिछले विश्व कप में ग्रुप चरण और यूरो 2016 में दूसरे राउंड में बाहर होने वाली कप्तान हेरी के की इंग्लैंड की टीम से प्रशंसकों को कुछ ज्यादा उम्मीदें नहीं हैं। इंग्लैंड की टीम में इस समय कोई बड़ा नाम नहीं है। लेकिन खिलाड़ियों के बीच एकता की भावना है और कोच साउथगेट भी इस बात को समझते हैं।
नाइजीरिया और कोस्टा रिका के खिलाफ दोस्ताना मुकाबलों में मिली जीत से टीम का मनोबल ऊंचा है। टीम में कई सारे खिलाड़ी आक्रामक हैं। इनमें कप्तान हेरी केन और रहीम के फ्रंट से शुरू करने की उम्मीद है तो वहीं जेसे लिनगार्ड डेले एली उनके पीछे खेल सकते हैं। साउथगेट को उम्मीद है कि हेरी मेगयूरे और किरेन ट्रिप्यिर अपने फार्म में लौट सकते हैं। इसके अलावा चेल्सी के अनुभवी डिफेंडर गैरी काहिल और मेनचेस्टर युनाइटेड के एश्ले यंग के भी फॉर्म में आने की उम्मीद है। (कब कौन सा मैच, देखें पूरा शेड्यूल)
दूसरी तरफ अगर ट्यूनीशिया की बात करें तो टीम अपना पांचवां विश्व कप खेल रही है लेकिन वह कभी भी ग्रुप चरण से आगे नहीं बढ़ पाई है। ट्यूनीशिया ने पांच बार के अपने विश्व कप के 12 मुकाबलों में केवल एक बार जीत दर्ज की है। ट्यूनीशिया को यह जीत 1978 के विश्व कप में मेक्सिको के खिलाफ मिली थी। फुटबॉल के सबसे बड़े विश्व मंच पर किसी भी अफ्रीकी टीम की यह सबसे पहली जीत थी।
ट्यूनीशिया विश्व के क्वॉलिफाइंग राउंड में अपराजित रही है। हाल ही में खेले गए दोस्ताना मैचों में उसने ईरान और कोस्टा रिका को हराया था जबकि यूरोपियन चैंपियन पुर्तगाल से उसने ड्रॉ खेला था। लेकिन टीम को स्पेन के हाथों 1-0 से मात खानी पड़ी थी। इंग्लैंड और ट्यूनीशिया 1998 में फ्रांस में एक-दूसरे के खिलाफ आमने सामने हुई थी जब इंग्लैड ने उसे 2-0 से हराया था। हालांकि टीम में इस बार सुपर स्टार खिलाड़ियों की कमी है जो उसे जीत दिला सके।
ट्यूनीशिया में स्थानीय खिलाड़ियों की भरमार है। टीम में मिडफील्डर यूसुफ मसकनी और ट्यूनीशिया लीग में सर्वाधिक गोल करने वाले ताहा यासिन खनेसी भी नहीं हैं। दोनों खिलाड़ी चोटिल हैं। डिफेंडर सियाम बेन यूसुफ का टीम में अहम रोल होगा क्योंकि वह दुनिया के सर्वश्रेष्ठ आक्रामक खिलाड़ियों में से एक हैं और टीम को उनसे काफी उम्मीदें होंगी।
पिछले विश्व कप में ग्रुप चरण और यूरो 2016 में दूसरे राउंड में बाहर होने वाली वाली इंग्लैंड की टीम इस बार फीफा विश्व कप के ग्रुप-जी के एक मुकाबले में सोमवार को ट्यूनीशिया के खिलाफ होने वाले मैच में जीत के साथ टूर्नमेंट में अपने अभियान की शुरुआत करना चाहेगी। ( देखें कौन सी टीम है कहां- पॉइंट्स टेबल)
टूर्नमेंट में इंग्लैंड की टीम तीसरी सबसे युवा टीम है। टीम के प्रमुख कोच गैरेथ साउथगेट ने उम्मीदों को कम करने के लिए अपना पूरा प्रयास किया है। ब्राजील में पिछले विश्व कप में ग्रुप चरण और यूरो 2016 में दूसरे राउंड में बाहर होने वाली कप्तान हेरी के की इंग्लैंड की टीम से प्रशंसकों को कुछ ज्यादा उम्मीदें नहीं हैं। इंग्लैंड की टीम में इस समय कोई बड़ा नाम नहीं है। लेकिन खिलाड़ियों के बीच एकता की भावना है और कोच साउथगेट भी इस बात को समझते हैं।
नाइजीरिया और कोस्टा रिका के खिलाफ दोस्ताना मुकाबलों में मिली जीत से टीम का मनोबल ऊंचा है। टीम में कई सारे खिलाड़ी आक्रामक हैं। इनमें कप्तान हेरी केन और रहीम के फ्रंट से शुरू करने की उम्मीद है तो वहीं जेसे लिनगार्ड डेले एली उनके पीछे खेल सकते हैं। साउथगेट को उम्मीद है कि हेरी मेगयूरे और किरेन ट्रिप्यिर अपने फार्म में लौट सकते हैं। इसके अलावा चेल्सी के अनुभवी डिफेंडर गैरी काहिल और मेनचेस्टर युनाइटेड के एश्ले यंग के भी फॉर्म में आने की उम्मीद है। (कब कौन सा मैच, देखें पूरा शेड्यूल)
दूसरी तरफ अगर ट्यूनीशिया की बात करें तो टीम अपना पांचवां विश्व कप खेल रही है लेकिन वह कभी भी ग्रुप चरण से आगे नहीं बढ़ पाई है। ट्यूनीशिया ने पांच बार के अपने विश्व कप के 12 मुकाबलों में केवल एक बार जीत दर्ज की है। ट्यूनीशिया को यह जीत 1978 के विश्व कप में मेक्सिको के खिलाफ मिली थी। फुटबॉल के सबसे बड़े विश्व मंच पर किसी भी अफ्रीकी टीम की यह सबसे पहली जीत थी।
ट्यूनीशिया विश्व के क्वॉलिफाइंग राउंड में अपराजित रही है। हाल ही में खेले गए दोस्ताना मैचों में उसने ईरान और कोस्टा रिका को हराया था जबकि यूरोपियन चैंपियन पुर्तगाल से उसने ड्रॉ खेला था। लेकिन टीम को स्पेन के हाथों 1-0 से मात खानी पड़ी थी। इंग्लैंड और ट्यूनीशिया 1998 में फ्रांस में एक-दूसरे के खिलाफ आमने सामने हुई थी जब इंग्लैड ने उसे 2-0 से हराया था। हालांकि टीम में इस बार सुपर स्टार खिलाड़ियों की कमी है जो उसे जीत दिला सके।
ट्यूनीशिया में स्थानीय खिलाड़ियों की भरमार है। टीम में मिडफील्डर यूसुफ मसकनी और ट्यूनीशिया लीग में सर्वाधिक गोल करने वाले ताहा यासिन खनेसी भी नहीं हैं। दोनों खिलाड़ी चोटिल हैं। डिफेंडर सियाम बेन यूसुफ का टीम में अहम रोल होगा क्योंकि वह दुनिया के सर्वश्रेष्ठ आक्रामक खिलाड़ियों में से एक हैं और टीम को उनसे काफी उम्मीदें होंगी।
Source : navbharattimes[dot]indiatimes[dot]com
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