
नई दिल्ली
विधि आयोग की अगर सिफारिश को मान लिया जाता है, तो देश में जल्द ही खेल में सट्टेबाजी कानूनी दायरे में आ जाएगी। लॉ कमिशन ने गुरुवार को सिफारिश की है कि क्रिकेट सहित अन्य खेलों में सट्टेबाजी और गैम्बलिंग की इजाजत दी जाए। कमिशन ने इसे रेग्युलेटेड गतिविधि के तौर पर मान्यता देने की सिफारिश की है।
आयोग का कहना है कि इन्हें नियमित करके प्रत्यक्ष और परोक्ष करों के दायरे में लाया जाए। आयोग का मानना है कि यह प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को आकर्षित करने का एक जरिया बन सकता है। अपनी इस रिपोर्ट में लॉ कमिशन ने बताया है कि इस तरह की गतिविधियों को रोक पाना संभव नही है। इसे कारगर तरीके से रेग्युलेट करना ही एकमात्र उपाय है। लॉ कमिशन ने 276 वी रिपोर्ट में उक्त सिफारिश की है।
कमिशन का मानना है कि कानून में बदलाव कर इसे टैक्स के दायरे में लाया जाए, जिससे रेवेन्यू जमा किया जा सके। संसद को इसके लिए मॉडल लॉ बनाना चाहिए। बता दें देश में अभी खेलों में सट्टेबाजी और गैम्बलिंग वैध नहीं है। इसके बावजूद गैर-कानूनी ढंग से कई लाख करोड़ का यह कारोबार चलता है।
तमाम सख्ती के बावजूद यह अवैध कारोबार मोबाइल और इंटरनेट के जरिए तेजी से मजबूत होता जा रहा है । बता दें कि दुनिया के कई देशों में सट्टेबाजी और जुआ कानूनी है। भारत में भी अवैध रूप में खेल में सट्टेबाजी खूब हो रही है। बीते साल सुप्रीम कोर्ट ने विधि आयोग से कहा था कि वह इसे वैध बनाने की संभावनाओं पर पर विचार करे।
विधि आयोग की अगर सिफारिश को मान लिया जाता है, तो देश में जल्द ही खेल में
आयोग का कहना है कि इन्हें नियमित करके प्रत्यक्ष और परोक्ष करों के दायरे में लाया जाए। आयोग का मानना है कि यह प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को आकर्षित करने का एक जरिया बन सकता है। अपनी इस रिपोर्ट में लॉ कमिशन ने बताया है कि इस तरह की गतिविधियों को रोक पाना संभव नही है। इसे कारगर तरीके से रेग्युलेट करना ही एकमात्र उपाय है। लॉ कमिशन ने 276 वी रिपोर्ट में उक्त सिफारिश की है।
Law Commission has recommended that gambling and betting on sports, including cricket, be allowed as regulated acti… https://t.co/FOjTXWKRXZ
— ANI (@ANI) 1530805640000
कमिशन का मानना है कि कानून में बदलाव कर इसे टैक्स के दायरे में लाया जाए, जिससे रेवेन्यू जमा किया जा सके। संसद को इसके लिए मॉडल लॉ बनाना चाहिए। बता दें देश में अभी खेलों में सट्टेबाजी और गैम्बलिंग वैध नहीं है। इसके बावजूद गैर-कानूनी ढंग से कई लाख करोड़ का यह कारोबार चलता है।

तमाम सख्ती के बावजूद यह अवैध कारोबार मोबाइल और इंटरनेट के जरिए तेजी से मजबूत होता जा रहा है । बता दें कि दुनिया के कई देशों में सट्टेबाजी और जुआ कानूनी है। भारत में भी अवैध रूप में खेल में सट्टेबाजी खूब हो रही है। बीते साल सुप्रीम कोर्ट ने विधि आयोग से कहा था कि वह इसे वैध बनाने की संभावनाओं पर पर विचार करे।
Source : navbharattimes[dot]indiatimes[dot]com
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