बेंगलुरु
कागजों में भले ही यह दमदार और कमजोर का मुकाबला नजर आ रहा है लेकिन विश्व की नंबर एक टीम भारत और टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण कर रहा अफगानिस्तान गुरुवार को यहां जब एकमात्र टेस्ट मैच में आमने-सामने होंगे तो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में एक नया अध्याय शुरू होगा।
अधिकतर खेल प्रेमियों का दिल और दिमाग रूस में लियोनेल मेस्सी और क्रिस्टियानो रोनाल्डो जैसे फुटबालरों के करिश्माई खेल पर लगा होगा तब क्रिकेट के धुर प्रशंसक राशिद खान को शिखर धवन और अंजिक्य रहाणे जैसे बल्लेबाजों के लिए फ्लिपर या गुगली करते हुए देखना पसंद करेंगे। जब भी कोई नई टीम किसी प्रारूप में पदार्पण करती है तो वह थोड़ा नर्वस रहती है लेकिन युद्ध की विभीषिका झेल चुके अफगानिस्तान से जुड़े राजनीतिक-सामाजिक किस्सों ने इस मैच को अलग संदर्भ दे दिया है।
मैदान पर यह केवल एक अन्य टेस्ट मैच है लेकिन इसका महत्व इससे भी बढ़कर है। अफगानिस्तान इसके साथ टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण करने वाली 12वां देश बन जाएगा और इस ऐतिहासिक मैच में राशिद, मुजीब जादरान और मोहम्मद शहजाद जैसे खिलाड़ी अपनी तरफ से सर्वश्रेष्ठ प्रयास करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। भारत अफगानिस्तान का काफी करीबी सहयोगी रहा है तथा बीसीसीआई ने भी पूरी मदद करते हुए उसकी राष्ट्रीय टीम के अभ्यास के लिए अपने स्टेडियम खोल दिये। लेकिन गुरुवार को यहां जब मैच शुरू होगा तो इतना स्पष्ट है कि अंजिक्य रहाणे की अगुआई वाली भारतीय टीम अपने इस नए प्रतिद्वंद्वी को हलके में नहीं लेगी।
नियमित कप्तान विराट कोहली तथा दो मुख्य तेज गेंदबाजों भुवनेश्वर कुमार और जसप्रीत बुमराह के बिना खेल रही भारतीय टीम इंग्लैंड के कड़े दौरे से पहले यहां बड़ी जीत दर्ज करना चाहेगी। अफगानिस्तान के लिए यह एक नई तरह की जंग होगी जिसका उसे अब तक अनुभव नहीं है। टेस्ट क्रिकेट एक अलग तरह की चुनौती है और राशिद जैसे खिलाड़ियों की असली परीक्षा अब शुरू होगी। यह सभी जानते हैं कि राशिद टी20 के बेहतरीन गेंदबाज हैं लेकिन उनकी परीक्षा तो तब शुरू होगी जब वह पांचवां ओवर करने के लिए आएंगे। अपना 15वें ओवर करते हुए उसकी बुद्धिमत्ता की परीक्षा होगी तो 23वें ओवर तक उसका संयम आंका जाएगा जबकि 40वें ओवर तक पता चलेगा कि उसमें कितना दमखम है।
अफगानिस्तान के कोच फिल सिमन्स पहले ही कह चुके हैं कि उनके खिलाड़ियों को मैदान पर उतरने तक पता नहीं चलेगा कि टेस्ट क्रिकेट असल में क्या है। अब जबकि स्ट्राइक रेट का कोई दबाव नहीं होगा तब मुरली विजय और चेतेश्वर पुजारा अपने पांव जमाकर लंबी पारियां खेलने की कोशिश करेंगे। भारत के इन अनुभवी बल्लेबाजों को रोकना अफगानिस्तान के लिए आसान नहीं होगा। यह देखना भी दिलचस्प होगा कि अब तक एक भी चार दिवसीय मैच नहीं खेलने वाले 17 वर्षीय मुजीब क्या किंग्स इलेवन पंजाब के अपने साथी केएल राहुल को परेशानी में डाल पाएंगे। यहां उन्हें सीख देने के लिये रविचंद्रन अश्विन भी नहीं होंगे। इसके उलट वह भारतीय बल्लेबाजों को बता रहे होंगे कि मुजीब का सामना कैसे करना है।
यह भी देखना होगा कि शहजाद जैसा आक्रामक बल्लेबाज खुद पर कैसे नियंत्रण रखता है क्योंकि टेस्ट क्रिकेट में अलग तरह के कौशल की जरूरत पड़ती है। अफगानिस्तान के कप्तान अशगर स्टेनिकजई ने दावा किया कि उनके स्पिनर भारतीय स्पिनरों से बेहतर है लेकिन उसके बल्लेबाज नहीं जानते कि अपने कप्तान को कैसे सही साबित करना है।
जब दिनेश कार्तिक से इस बारे में पूछा गया तो उनके बयान से साफ हो गया कि टीम इस बारे में क्या सोचती है। कार्तिक ने कहा, ‘उनके सारे स्पिनरों ने उतने मैच नहीं खेले हैं जितने हमारे कुलदीप यादव (दो टेस्ट) ने प्रथम श्रेणी मैच खेले हैं। हम इसको लेकर परेशान नहीं हैं।’
लेकिन भारतीयों ने राशिद की गेंदबाजी को देखा, समझा और परखा है और वे यह जरूर जानते हैं कि यह लेग स्पिनर क्या नुकसान पहुंचा सकता है। यही वजह है कि भारतीय टीम प्रबंधन सख्त उछाल वाला विकेट बनवा सकता है क्योंकि स्पिनरों के लिये अनुकूल विकेट बनाने का दांव उल्टा पड़ सकता है। अफगानिस्तान के लिए उसके स्पिनर नहीं बल्कि बल्लेबाज समस्या हैं।
शहजाद और मोहम्मद नबी जैसे बल्लेबाज अश्विन और रविंद्र जडेजा का कैसे सामना करते हैं इसका सीधा प्रभाव अफगानिस्तान के प्रदर्शन पर पड़ेगा। यही नहीं इससे पहले उन्हें इशांत शर्मा की उछाल और उमेश यादव की तेज गेंदों का सामना करना होगा। आयरलैंड ने पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट पदार्पण पर उसे कड़ी चुनौती दी थी और केविन ओ ब्रायन ने साहसिक शतक जमाया था लेकिन अफगानिस्तान के लिए परिणाम कुछ भी हो उसकी ‘खूबसूरत यात्रा’ पहले ही शुरू हो चुकी है।
टीमें इस प्रकार हैं : भारत: अजिंक्य रहाणे (कप्तान), शिखर धवन, मुरली विजय, चेतेश्वर पुजारा, केएल राहुल, करुण नायर, दिनेश कार्तिक (विकेटकीपर), हार्दिक पंड्या, शार्दुल ठाकुर, नवदीप सैनी, रविचंद्रन अश्विन, रविंद्र जडेजा कुलदीप यादव, इशांत शर्मा, उमेश यादव में से।
अफगानिस्तान: अशगर स्टेनिकजई, मोहम्मद शहजाद, जावेद अहमदी, रहमत शाह, एहसानुल्लाह जनात, नासीर जमाल, हशमतुल्ला शाहिदी, अफसर जजाई, मोहम्मद नबी, राशिद खान, जाहिर खान, अमीर हमजा होताक, सैयद अहमद शिरजाद, यामिन अहमदजई वफादार, मुजीब उर रहमान में से।
भाषा पंत पंत 1306 1246 बेंगलुरू नननन
कागजों में भले ही यह दमदार और कमजोर का मुकाबला नजर आ रहा है लेकिन विश्व की नंबर एक टीम भारत और टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण कर रहा अफगानिस्तान गुरुवार को यहां जब एकमात्र टेस्ट मैच में आमने-सामने होंगे तो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में एक नया अध्याय शुरू होगा।
अधिकतर खेल प्रेमियों का दिल और दिमाग रूस में लियोनेल मेस्सी और क्रिस्टियानो रोनाल्डो जैसे फुटबालरों के करिश्माई खेल पर लगा होगा तब क्रिकेट के धुर प्रशंसक राशिद खान को शिखर धवन और अंजिक्य रहाणे जैसे बल्लेबाजों के लिए फ्लिपर या गुगली करते हुए देखना पसंद करेंगे। जब भी कोई नई टीम किसी प्रारूप में पदार्पण करती है तो वह थोड़ा नर्वस रहती है लेकिन युद्ध की विभीषिका झेल चुके अफगानिस्तान से जुड़े राजनीतिक-सामाजिक किस्सों ने इस मैच को अलग संदर्भ दे दिया है।
मैदान पर यह केवल एक अन्य टेस्ट मैच है लेकिन इसका महत्व इससे भी बढ़कर है। अफगानिस्तान इसके साथ टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण करने वाली 12वां देश बन जाएगा और इस ऐतिहासिक मैच में राशिद, मुजीब जादरान और मोहम्मद शहजाद जैसे खिलाड़ी अपनी तरफ से सर्वश्रेष्ठ प्रयास करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। भारत अफगानिस्तान का काफी करीबी सहयोगी रहा है तथा बीसीसीआई ने भी पूरी मदद करते हुए उसकी राष्ट्रीय टीम के अभ्यास के लिए अपने स्टेडियम खोल दिये। लेकिन गुरुवार को यहां जब मैच शुरू होगा तो इतना स्पष्ट है कि अंजिक्य रहाणे की अगुआई वाली भारतीय टीम अपने इस नए प्रतिद्वंद्वी को हलके में नहीं लेगी।
नियमित कप्तान विराट कोहली तथा दो मुख्य तेज गेंदबाजों भुवनेश्वर कुमार और जसप्रीत बुमराह के बिना खेल रही भारतीय टीम इंग्लैंड के कड़े दौरे से पहले यहां बड़ी जीत दर्ज करना चाहेगी। अफगानिस्तान के लिए यह एक नई तरह की जंग होगी जिसका उसे अब तक अनुभव नहीं है। टेस्ट क्रिकेट एक अलग तरह की चुनौती है और राशिद जैसे खिलाड़ियों की असली परीक्षा अब शुरू होगी। यह सभी जानते हैं कि राशिद टी20 के बेहतरीन गेंदबाज हैं लेकिन उनकी परीक्षा तो तब शुरू होगी जब वह पांचवां ओवर करने के लिए आएंगे। अपना 15वें ओवर करते हुए उसकी बुद्धिमत्ता की परीक्षा होगी तो 23वें ओवर तक उसका संयम आंका जाएगा जबकि 40वें ओवर तक पता चलेगा कि उसमें कितना दमखम है।
अफगानिस्तान के कोच फिल सिमन्स पहले ही कह चुके हैं कि उनके खिलाड़ियों को मैदान पर उतरने तक पता नहीं चलेगा कि टेस्ट क्रिकेट असल में क्या है। अब जबकि स्ट्राइक रेट का कोई दबाव नहीं होगा तब मुरली विजय और चेतेश्वर पुजारा अपने पांव जमाकर लंबी पारियां खेलने की कोशिश करेंगे। भारत के इन अनुभवी बल्लेबाजों को रोकना अफगानिस्तान के लिए आसान नहीं होगा। यह देखना भी दिलचस्प होगा कि अब तक एक भी चार दिवसीय मैच नहीं खेलने वाले 17 वर्षीय मुजीब क्या किंग्स इलेवन पंजाब के अपने साथी केएल राहुल को परेशानी में डाल पाएंगे। यहां उन्हें सीख देने के लिये रविचंद्रन अश्विन भी नहीं होंगे। इसके उलट वह भारतीय बल्लेबाजों को बता रहे होंगे कि मुजीब का सामना कैसे करना है।
यह भी देखना होगा कि शहजाद जैसा आक्रामक बल्लेबाज खुद पर कैसे नियंत्रण रखता है क्योंकि टेस्ट क्रिकेट में अलग तरह के कौशल की जरूरत पड़ती है। अफगानिस्तान के कप्तान अशगर स्टेनिकजई ने दावा किया कि उनके स्पिनर भारतीय स्पिनरों से बेहतर है लेकिन उसके बल्लेबाज नहीं जानते कि अपने कप्तान को कैसे सही साबित करना है।
जब दिनेश कार्तिक से इस बारे में पूछा गया तो उनके बयान से साफ हो गया कि टीम इस बारे में क्या सोचती है। कार्तिक ने कहा, ‘उनके सारे स्पिनरों ने उतने मैच नहीं खेले हैं जितने हमारे कुलदीप यादव (दो टेस्ट) ने प्रथम श्रेणी मैच खेले हैं। हम इसको लेकर परेशान नहीं हैं।’
लेकिन भारतीयों ने राशिद की गेंदबाजी को देखा, समझा और परखा है और वे यह जरूर जानते हैं कि यह लेग स्पिनर क्या नुकसान पहुंचा सकता है। यही वजह है कि भारतीय टीम प्रबंधन सख्त उछाल वाला विकेट बनवा सकता है क्योंकि स्पिनरों के लिये अनुकूल विकेट बनाने का दांव उल्टा पड़ सकता है। अफगानिस्तान के लिए उसके स्पिनर नहीं बल्कि बल्लेबाज समस्या हैं।
शहजाद और मोहम्मद नबी जैसे बल्लेबाज अश्विन और रविंद्र जडेजा का कैसे सामना करते हैं इसका सीधा प्रभाव अफगानिस्तान के प्रदर्शन पर पड़ेगा। यही नहीं इससे पहले उन्हें इशांत शर्मा की उछाल और उमेश यादव की तेज गेंदों का सामना करना होगा। आयरलैंड ने पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट पदार्पण पर उसे कड़ी चुनौती दी थी और केविन ओ ब्रायन ने साहसिक शतक जमाया था लेकिन अफगानिस्तान के लिए परिणाम कुछ भी हो उसकी ‘खूबसूरत यात्रा’ पहले ही शुरू हो चुकी है।
टीमें इस प्रकार हैं : भारत: अजिंक्य रहाणे (कप्तान), शिखर धवन, मुरली विजय, चेतेश्वर पुजारा, केएल राहुल, करुण नायर, दिनेश कार्तिक (विकेटकीपर), हार्दिक पंड्या, शार्दुल ठाकुर, नवदीप सैनी, रविचंद्रन अश्विन, रविंद्र जडेजा कुलदीप यादव, इशांत शर्मा, उमेश यादव में से।
अफगानिस्तान: अशगर स्टेनिकजई, मोहम्मद शहजाद, जावेद अहमदी, रहमत शाह, एहसानुल्लाह जनात, नासीर जमाल, हशमतुल्ला शाहिदी, अफसर जजाई, मोहम्मद नबी, राशिद खान, जाहिर खान, अमीर हमजा होताक, सैयद अहमद शिरजाद, यामिन अहमदजई वफादार, मुजीब उर रहमान में से।
भाषा पंत पंत 1306 1246 बेंगलुरू नननन
Source : navbharattimes[dot]indiatimes[dot]com
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